3 SEP 2020 AT 8:58

मुझे जाने दो वहां।
क्यों बंध करके रख्खा है तूने वो दरवाजा ,
जिसकी चाबी मेरे पास है,
कौन सा सामान बांध के रख्खा है या कोई राज़ छिपाया है!
परदो पे परदे कर रहे हो,
मुझसे तुम्हारी कौन सी बात छिपा रहे हो!
मुझे जाने दो वहां जहां तेरे दिल के दरवाजे पर तुने इश्क को रुसवा कर दीया है,
एक हल्की सी आह भर कर तुने मेरा दामन छोड दीया है,
इश्क तो तुम्हे भी है फिर क्यों दिल के दरवाजे को बंध कर के रख्खा है!
बहा दो इस समंदर में अपने आप को,
सब्र करो हर ऐक किनारे पर मुझे ही पाओगे,
जिंदगी की किताब के आख़िरी पन्नो पर मेरा ही जिक्र करोगे ।
हेमांगी

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