मेरी दिवार पर लिख दो.
ज़िंदगी की राह में तुम मिले हों,
तुम नें इस कदर मेरे दिल को छुआं है की मेरी दिल की दिवार पर तेरा नाम छप गया है,
आहिस्ता आहिस्ता तुम उस आधी अधूरी सुलगती सिगरेट की तरह हो गये हो,
जो सुलगती तो रहती है पर धूआं बहार नहीं निकल पाता,
तेरे इश़्क की मिट्टी सें महकतां है आंगन मेरा,
मेरे दिल की हर दिवार चिल्ला चिल्ला कर तेरा ही नाम पूकारती है,
ना में होश में रहती हूं ना ही मेरा दिल संभाले संभलता है,
में रेत सी फिसल जाती हूं और तु बादल सा मुझे भीगा देता है,
मेरे दिल की दिवार पर कभी न मिटने वाले तेरे इश़्क के निशांन छप गए है.
हेमांगी-
21 OCT 2020 AT 22:31