लिखना चाहूं.
लिखना चाहूं पर लिख नहीं पाऊं,
तेरे एहसास को कागज़ पर केसे सजाऊँ!
कुछ यादें कुछ बातें दिल को झिंझोड़ती है,
उन यादों को, उन बातों को शब्दों में केसे पिरोदुं,
तेरा इश्क मेने पहना है,
उस इश्क को अलफाज़ो में केसे तुजे दिखाऊं,
लिखना तो बहुत कुछ चाहूं,
पर उन आधें छूटें लम्हों को कैसे लिख जाउं.
हेमांगी-
14 SEP 2020 AT 8:55