1 SEP 2020 AT 8:14

लौटोगे नहीं
मुझे मालूम है वो दिन बित गए है,
तुम अपनी जिंदगी मे आगे बढ़ गए हो,
ना वो मौसम फिर से आएगा ना फिर से वो इश्क का फूल खिलेगा,
वो सावन का पानी भी अब मुझपे आग ही बरसाएगा,
दिल की तपती दिवारो से खालीपन की लो ही निकलेगी,
सबकुछ जानकर भी क्यूं अनजान बनता है ये दिल!
रास्ते अब बदल चूके है,
जो कल तक हमसफर थे वो आज राही बन चूके है,
अब तक जो जिस्मानी फासला था वो अब दिल की दिवार मे तब्दील हो चुकी है,
वो बिता मौसम अब कभी लौटेगा नहीं,
रेत सी अब जिंदगी फिसलती रहेगी तन्हा तन्हा ।
हेमांगी

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