कुछ उलझते है,कुछ सुलझते है,
रिश्तो के चक्रव्यूह मे सब फंसते है,
कुछ दूर से खडा कोई ,
वक्त का लम्हा देख रहा है सब को,
रिश्तो के बवंडर मे,
कुछ ठहर रहे है,कुछ चल रहे है.
हेमांगी-
13 DEC 2020 AT 9:08
कुछ उलझते है,कुछ सुलझते है,
रिश्तो के चक्रव्यूह मे सब फंसते है,
कुछ दूर से खडा कोई ,
वक्त का लम्हा देख रहा है सब को,
रिश्तो के बवंडर मे,
कुछ ठहर रहे है,कुछ चल रहे है.
हेमांगी-