6 JAN 2021 AT 14:11

कुछ राज़ ऐसे होते है.
दिल के संदूक मैं ही कैद कीये जाते है,
महेफूस भी वहीं तो होते है,
दिन के उज़ाले में वो कहीं खो जाते है,
दिन ढलते ही शोर मचाने लगतें है,
कभी कभी वक्त बेवक्त आँखो से बहनें लगते है,
कुछ राज़ ऐसे होते हैं.
हेमांगी

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