22 SEP 2020 AT 18:20

कुछ भी तो नहीं बदला हम में.
तुम तुम हो,ओर मैं भी मै हूं,
सब वैसा ही है जेसे पहले था,
बस बदले तो हम दोनो के हालात है,
या शायद अपनी सोच में फासले आ गए है,
पुरानी यादो की गलीयों से गुज़रते तो होंगे ना तुम!
इश़्क तो आज भी इंतजार की राहो में बांहे फेलाए खडा है,
मैं भी वहीं खडी हूं,
शायद दोनों के बिच मैं अहम की पतली दिवाल बन गई है,
वक्त की लहरो में हम बहते जा रहे है,
ना मिल सकते है ना छूट सकते है.
हेमांगी

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