कशिश दिल की हर चीज भूला देती है,
बंध आँखों में भी सपनें सज़ा देती है,
सपनों की दुनियां जरूर रखनां दोस्त,
क्योंकी हकीकत तो अक्सर रूला देती है.
हेमांगी-
2 MAR 2021 AT 15:51
कशिश दिल की हर चीज भूला देती है,
बंध आँखों में भी सपनें सज़ा देती है,
सपनों की दुनियां जरूर रखनां दोस्त,
क्योंकी हकीकत तो अक्सर रूला देती है.
हेमांगी-