खवाब के इन्तजार मैं निंद पलकों पे आ के रूकी है,
रात कि चद्दर ओढ के ऐ दुनिया सोई हुई है,
रोज इन्तजार करते हैं उस ऐक खवाब का,
जिसमें हमारी दुनिया सजी है.
हेमांगी-
27 MAR 2020 AT 23:29
खवाब के इन्तजार मैं निंद पलकों पे आ के रूकी है,
रात कि चद्दर ओढ के ऐ दुनिया सोई हुई है,
रोज इन्तजार करते हैं उस ऐक खवाब का,
जिसमें हमारी दुनिया सजी है.
हेमांगी-