कभी खोया खोया सा रहेता हूँ,
कभी सोया सोया सा रहेता हूँ,
अपने आप में कभी गुमशुम सा मीलता हूँ,
भीड का हिस्सा होके भी तन्हा हूँ,
साथ होके भी सबसे जूदा हूँ,
अपने आप को साबित करने कि भीड का बेवजह बना हुआ ऐक किस्सा हूँ,
कभी खोया खोया सा रहेता हूँ।
हेमांगी-
22 FEB 2020 AT 17:01