ज़रूरी है क्या.
हर बात लफ्ज़ो में बयां हो ये ज़रूरी है क्या!
अपने आप को इश्क़ का पूजारी मानते हो,
पर निगाहे पढ़ने का हून्नर अब तक शिख नहीं पाए हो,
मोहब्बत करते थे,करते है ओर करते रहेंगे,
बार बार ऐहसास -ए- मोहब्बत जताना ज़रूरी है क्या!
इश्क की धूप मे कभी कभी दूरियों के बादल छा जाते है ,
बादल की छाव से डर जाना ज़रूरी है क्या ।
हेमांगी-
3 SEP 2020 AT 14:07