ज़रा सा चाँद चमके तो.
ज़रा सा चाँद चमके तो आ जाना मेरे ख्वाबों के आंगन में तुम,
साथ बैठ हम इश़्क की सीगड़ी पे अरमानों को सजाएंगे,
कुछ बातें तुम आंखो से बताना,
कुछ बातें में खामोशी सें कर लूंगी,
ख्वाबों की सिलवटों को हकीकत की चद्दर से मिटा देंगे,
ज़रा सा चाँद चमके तो आना तुम.
हेमांगी-
24 NOV 2020 AT 22:59