6 MAR 2021 AT 13:02

जिंन्दगी से आखरी मुलाकात कुछ यूं हो,
आँखो में चमक और होठों पें हसीं सजी हो,
जब उठ कर जानें लगें जिंन्दगी,
तब रूह पर उसका कोई कर्ज न हो.
हेमांगी

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