21 JAN 2021 AT 17:06

ज़िन्दगी ने लिख दिया.
ज़िन्दगी ने लिख दिया एक ऐसा गाना,
जो है आधी हकीकत और आधा है फ़साना,
में गाती हूं,सुनाती हूं कभी कभी गुनगूनाती भी हूं,
पर,कभी कभी कहीं कूछ छूटता है,
अधूरा सा रहता है,
वो छूटा हूआ,अधूरा सा रहा हूआ ढूंढती हूं,
पर,में खूद को ही कहीं खो देती हूं,
कभी ख्वाब में तो कभी आधे फ़साने में.
हेमांगी

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