इन्सान भी ना अजीब है,दूर रहे रिश्तो में अपनापन ढूंढता है,जो पास है उन्हीं से नज़रे चुराता है.हेमांगी -
इन्सान भी ना अजीब है,दूर रहे रिश्तो में अपनापन ढूंढता है,जो पास है उन्हीं से नज़रे चुराता है.हेमांगी
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