इन दिनों यादों कि किताबों के कुछ पन्नो को पढ लिआ जाऐ,
उंगली और फोन के कोल लिस्ट के बिच मैं खोऐ हूऐ रिश्तों को ढूंढ लिआ जाऐ,
वक्त कि उल्झन मैं फसे रिश्तों को प्यार कि डोर से फिर से सीया जाऐ,
इन दिनों खुद के लिए, अपनों के लिए फिर से जिया जाऐ.
हेमांगी-
1 APR 2020 AT 18:51