16 MAR 2020 AT 23:31

दिल कोई तहखाना हैं,
जिसमें छुपाने को पूरा जमाना हैं,
कई अधूरे अरमान गिरे हूऐ हैं,
तो कहीं अधूरी खवाहिशे बिखरी हूई हैं,
अपनों से मिला हूआ दर्द भी सिसकियाँ लेता हैं,
तो कभी तूटा दिल सवाल करता है,
दिल कोई तहखाना हैं.
हेमांगी

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