दिल की बांते जाने रात.
अनकहीं कहांनियों का ,
रुके हुऐं ज़ज्बातों का ठहराव होती है ये रात.
दिन के उजा़लों में जो दिख नहीं पाते,
अकसर रात में निंद उडा़ देते रिश्तें की होती है ये रात.
दिन की धूप में जो ना कह पाये,
वो बाते ,टूटे ख्वाब की होती है ये रात.
अधूरे रहे रिश्तें की चूभन की,
अपनें आप से मिलनें की होती है ये रात.
हेमांगी-
14 JAN 2021 AT 23:29