17 SEP 2020 AT 14:38

दिल खा़ली खा़ली क्यूं है.
ख़यालोने क्यूं आज तेरे ख़याल से रूखसत कर ली है!
सोच पर नजाने कीस सोच ने पर्दा कर दीया
जिस्म को महसूस सब हो रहा है पर दील को छू नहीं रहा!
बावरा बावरा मन अब किसी मोड़ पर रूक सा गया है,
इश़्क का आफ़ताब अब शायद अस्त हो रहा है,
शायद इस लिये आज दिल खा़ली ख़ाली लग रहा है.
हेमांगी

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