30 NOV 2020 AT 18:03

धुंआ धुंआ सा है,
मन में कुछ उलझा उलझा सा है ,
ढूंढते है हर चेहरे मे उसे,
जो कहीं भीड मे खोया खोया सा है .
हेमांगी

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