बिना बंधे बंधी जा रही हूं ,ये तेरी नज़रों का कैसा असर हैंजो बिना डोर तेरी औंर खिचीं चली आ रही हूं.हेमांगी -
बिना बंधे बंधी जा रही हूं ,ये तेरी नज़रों का कैसा असर हैंजो बिना डोर तेरी औंर खिचीं चली आ रही हूं.हेमांगी
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