बहोत दर्द देता है वो लम़्हां,जब इन्तज़ार ख्त्म नहीं होता और रूठा हुआ अपनां कोई लौट वापस नहीं आता.हेमांगी -
बहोत दर्द देता है वो लम़्हां,जब इन्तज़ार ख्त्म नहीं होता और रूठा हुआ अपनां कोई लौट वापस नहीं आता.हेमांगी
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