22 MAR 2020 AT 18:32

बड़े काम की हैं ये तनहाइयां,
अक्सर दुनिया कि भीड़ मैं जो हम "खूद" को खो आऐ हैं,
कभी कभी अपने आप से मिलवाती हैं,
धूंधले लगते रिश्तों कि सही चमक दिखाई दे जाती हैं.
हेमांगी

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