6 SEP 2020 AT 18:54

बात क्यों नही करते.
इश्क का आफताब अब सायद ढलने लगा है या ढल चुका है
अब तुम्हारे छुअन मैं वो इश्क की महक ढूंढनी पडती है,
अब मिलने की तलब भी शायद फिकी हो रही है बेजान रंगो सी,
तुम साथ तो होते हो पर पास नहीं,
तुम तो अलफाजो के बेताज बादशाह हो फिर भी अब मुजसे बात करने के लिए अलफाजो को चूराना पड रहा है,
कौन सी खता हूई है जो अब बात क्यूं नही करते हो?
हेमांगी

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