आँखों की खा़मोशी में.
आँखों की खा़मोशी में,
कई बातें दबी होती है,
कुछ सुलगती है,
कुछ अखरती है,
कुछ राज़ दबें होते है,
कुछ अल्फाज़ सिकूड़े हुऐ होतें है,
रात की चद्दर तलें जब निंद को बांहो ले कर सोतें है,
आँख कें कौनें में सें कुछ ख़्वाब बहनें लगतें है,
कुछ सवालों के जवाब आँखो की खा़मोशी में कैद हो जाते है.
हेमांगी-
8 MAR 2021 AT 23:34