Hem Raj Yadav   (हेम राज यादव©)
605 Followers · 622 Following

read more
Joined 8 October 2018


read more
Joined 8 October 2018
23 APR AT 9:36

ज़िंदगी गुज़र जाने के बाद आयी
अकल शहर जाने के बाद आयी

गांव के खेल, बड़े खिलौनों से बेहतर निकले
विद्या भी उस ढ़बरी को जलाने के बाद आयी

ख़्वाब-ए-समंदर गम-ए-शरगोशियों में गुम रहा
हर चीज़ यहां ज़रुरत निकल जाने के बाद आयी

देखा-देखी इश्क हम भी कर बैठे उम्र ही ऐसी थी
बेवफा मोहब्बत मगर फूल मुरझाने के बाद आयी

-


20 APR AT 10:11

रूठ गए हैं दिन नाराज हैं रातें
करें भी तो उनसे कैसे ये बातें

ऐसी मुझसे खता क्या हो गई
युं बेक़दर बेवफा क्या हो गई

सब बिखर गईं खुशियां हमारी
नादानी कोई बता क्या हो गई

कभी रूठतीं न थीं मंजिलें हमारी
रास्ता भी न तू खफा क्या हो गई

-


7 APR AT 13:17

सब परिस्थितियों के गुलाम हैं

-


25 MAR AT 14:03

रात के बिना दिन कहां
दुख के बिना सुख कहां
मां बाप नहीं तो संसार कहां
संसार नहीं तो प्यार कहां
दिलदार कहां सारे यार कहां
धन के बिना सम्मान कहां
सम्मान नहीं तो इंसान कहां
रंग बहुतेरे देखे ऐ ज़िन्दगी
शुक्रगुजार हम, अंजान कहां
ढूंढते हैं सब, तुझे ओ दाता
रहते हो अब, भगवान कहां

-


25 MAR AT 13:46

लगाऊं लाल रंग, तुझको मेरे प्यार का
जवानी मौज बहार का, मेरे इकरार का

रंग हरे से नहाऊं संग जनम हजार का
तेरे मेरे प्यार का, जीवन की बौछार का

रंग गुलाबी खुशियां भर लूं मुस्काती खुमार का
थोडे़ ऐशो आराम का तेरे जोर जबर दिदार का

रंग पीला प्यासा रखे, खट्टे मीठे से इज़हार का
कुछ तो इंतजार का, तेरे मेरे दिले बेकरार का

अनेक रंग इस जीवन दा, सब तेरे ही प्यार का
यादों ख़्वाब ख्यालों में, गाढ़ा लगा बेशुमार सा

-


25 MAR AT 13:04

देखा जन्नत तेरी बाहों में
जीवन के हर रंग तेरी पनाहों में
तू नहीं मिली तो क्या करते दिन,
रात बुलाता तुझको ख़्वाब ख्यालों में

बहलाता हूं मन चंचल को
देके झूठी दिलासायें
तू भी थी पागल इश्क में मेरे
ऐसी इसको आश्नायें

चल छोड़ अभी जाने भी दे
क्या पाया मैंने और क्या खोया
इस रूह को है मेरे मालूम
यादों में तेरी दिल कितना रोया

-


24 MAR AT 22:59

सब्र करते करते, युं खाक हो रहीं हैं मुसीबतें हमारी
माया कैसी तेरी दीनानाथ, हो रहीं अपनी हकीकतें सारी

दुश्मन बन बैठे अपने, जमाने भी कर बैठे बगावत
तेरी एक नजर, और सब जायज हो रहीं हरकतें हमारी
सब्र करते करते...

जादू सा है, कोई तो तेरी चाहत में, युं आती न नज़र
ज्ञानी चछुओं से खुशुबू, ए-दयासुमन जो महकते तुम्हारी
सब्र करते करते...

नकार कैसे दें हम, दिल जो रंगा है तेरी उलफत में
सब मुकाम हो रहे हाशिल, बचीं कहां अब अटकलें हमारी
सब्र करते करते...

-


11 MAR AT 1:01

लिखता है दिल दर्द-ए-जिन्दगी
कुछ इस कदर तेरे अल्फाजों में
तिरी ही कशिश उम्रभर सता रही
बाकी सब ज़िन्दगी अफसानों में

पल दो पल का साथ रहा सबका
पल दो पल में ही सब बिखर गए
पल दो पल की ख्वाहिश अपनी
पल दो पल में ही सब बिछड़ गए

बस तिरी ही इक तरफा मोहब्बत
हमें आज भी जां दिन रात सताए है
देखने को इक दफा तुझे तरस रहीं निगाहें
चाह यही अचानक से युं तू कहीं मिल जाए

बहु तेरे मिले मुझसे, संग झूठे गीत गानों में
झूठे राग अलाप झूठे, झूठे से अफसानों में
जाने क्युं इक तिरी ही चाह समझ न आयी
रहें इंतजार तेरे और तेरी ही खबर न आयी

-


7 MAR AT 10:05

जो दिल है दिवाना, तुझे समझायें कैसे
मंजिल ए इश्क मेरी, तुझे भूल जायें कैसे

रहती है ख्वाबों ख्यालों में, तू ही हर पल मेरे
ये चैन करार सब हैं, तुझी से आज कल मेरे
तेरे लिए ही पागल, तेरी खूबसूरती के कायल
लागे न मन कहीं, तुझे देखे बिन रह पायें कैसे

-


7 MAR AT 9:51

ऐ ज़िन्दगी तेरे लिए, ज़ुल्म कितने सहे हमने
मिली न मंजिल, दर्द में भी कुछ न कहे हमने

-


Fetching Hem Raj Yadav Quotes