बेबख़त बेवजह बन गए, नगम-ए-जिंदगी कुछ
ख्वाब सारे कुर्बान और फिर हम सुलह बन गए
तमन्नाओं की तरकश, गुम हो गई कहीं
ख्यालों की तीर, इक इक वजह बन गए
देखते रहे खेल हम, युं राहों पे चलते चलते
जाने कब खिलाड़ी तुम, और खिलौने राज़ गुमसुदा बन गए
भरोसा नहीं है तुमपे, और तुम्हारी राज़ भरी किताबों पे भी
अंकड़ भी तो देखो मन की, आये नहीं तुम सामने तो हेम
और भी सख्त सदा बन गए-
A Lyricist & Member of Screen Writer Association Mumbai.
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छोड़ के वो चैन सकून वाला आजाद गांव,
मजबूर, परेशानियों से भरे गुलाम शहर का
चुनाव हमारा है तो
काट के आम, महुआ, जामुन के वो बागान
इन बेफजूल, बेफली झाड़ियों वाले पार्क का
चुनाव हमारा है तो-
गज़ब बेवकूफी, का दौर चला
मानव न जाने किस ओर चला
गाय भैंस वाला गंवार हो गया
कुत्ते बिल्लियों वाले पशु प्रेमी
काट के बड़े बड़े आम के बाग़
झाड़ियां उगाने पर जोर चला
दफ़ना कर वो संस्कृति सभ्यता
देखो मौज मस्ती का शोर चला
जीवनदाताओं के मोल न रहे और
बेफजूल चीजों का बढ़ मोल चला-
बेपनाह है जो ये मोहब्बत कह दो
न जी पाएंगे तुम्हारे बिना ये हसरत कह दो
बहारें आएंगी चली जाएंगी, मौसम का ठिकाना नहीं कोई
तुम्ही हो दिल में, तुम्हीं हो दौलत तुम्ही ये सोहरत कह दो-
तेरी उलफत में हम दिवाने क्या हुए,
समूची कायनात इश्किया हो गई है।
नींद आँखों को भाती नहीं तेरी यादों के आगे,
और तो हंसी मौसम गज़ब सारी दुनिया हो गई है।।-
बेव़जह तो नहीं....
ये धरती से अंबर, अंबर से धरती
ये तुम्हारा साथ, बेव़जह तो नहीं
ये रात से दिन और दिन से रात
तुमसे मुलाकात बेव़जह तो नहीं
ये रातों का जगना दिन का बंहकना
तुमसे जुड़े ख़यालात बेव़जह तो नहीं
वो चमकता चांद और बिखरी चांदनी
सितारों की ये बारात बेव़जह तो नहीं
करती इंतजार ये बेचैन निगाहें तेरा
फिर निगाहों की तकरार बेव़जह तो नहीं-
रातों को नींद, और दिन को उजाला न मिला,
उनके बाद कोई टूटकर चाहने वाला न मिला।
बहुत मिले किरदार किस्से इस राह-ए-जिंदगी,
मगर उनसा कोई रहगुज़र हुश्न वाला न मिला।।-
मेरी बेकरारी और ये बंजारापन
उनकी बेवफाई और अंजानापन
वहम में हूं, के मै आखिर करूं क्या
जबकि जानता हूं ये मसलन मोहब्बत
इस दिल का मै कुछ कर नहीं सकता-
धोखे तेरी खुशी बेवफाई आदत होगी
मुझे कुबूल है तू ज़ालिम जैसी भी हो
जिंदगी है तू, मै तो इश्क़ ही करूंगा
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खौफ-ए-जुदाई कैसी आशिकी में
मोहब्बत हमेशा अधूरी ही अच्छी
मगर हैरान हैं सब ये सोंच सोंचकर
के मै सच में इश्क़ करना चाहता हूं-