तुम्हारी मोहब्बत बस इतनी सी बदल गई,
कि मैं परी साहिबा से अब दो पैसे की हो गई !
-
न कोई प्रेमी. ना कोई भाई, न कोई परिवार,न कोई सखा
जब मैं बेहद तक़लीफ में था!
तब था मैं बिलकुल अकेला खड़ा !-
जी करता है की चीख चीख कर ज़िक्र करूँ अपनी बसर का,
फिर सोचती हूँ ,
आबरू भी तो महफ़ूज़ रखनी है!
-
तुम मेरी ज़िंदगी की किताब का वो पन्ना हूँ जो पलट दो गया है लेकिन उस एक पन्ने की याद मेरी ज़िंदगी की किताब के हर पन्ने के साथ चल रही है
-
जिसको हमने बेतहाशा चाहा,
उसने हमको कभी नहीं चाहा!
इसीलिए हमने हुद को उसे दे दिया,
जिसने हमें चाहा!-
मुझे नहीं पता कि मेरी और कितनी ज़िंदगी बाक़ी है,
मेरे ग़ुस्से पर मेरा क़ाबू झूठ नहीं !-
Mujhe tum kuch nahi chahiye,
Mera dil hai tumhare pass bas usko mujhe wapas kar do…..-
तुमने भी हमें भरोसे में लिया होगा
तभी जाकर हमने भी तुमसे कुछ कहा होगा!-
किसी ने किया,
किसी ने कहा,
निशाना कोई तीसरा बना!
चलो बेहतर है कम में बहुत समझ आ गया,
कुछ रिश्तो की नज़दीकियों को सीमित करने का वक़्त आ गया!-
Log kehte hain ye ghar hai mera
Par mujhe yaha saas nahi aati hai….
Kehte hain ye jo saas hai ab woh tumhari maa hai,
Par ye meri har jagah burai, dahej mein kya diya tere baap ne, aate jate chalte firte mujhe bas yahi sunati hai…….
Mummy ne bola tha saas ko apne time se tum khana dena, unki ijjat karna…palat kar jawab mat dena,
Par meri saas kehti hai ki mujhe teri rotiyon ki jarurat nahi hai, jutti ki nok par rakhoongi tujhko,
Kyuki mere bina teri koi aukaat nahi hai….
-