टुकडा टुकडा जोड़ा तो नक्शा बन गया
तिनका तिनका जोड़ा तो घर बन गया
पल पल जोड़ा तो यादों का घर बन गया
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और अपनों को ही पहचान ना होगा
कब कोनसा तजुर्बा मिल जाए
बस इसलिए नया द... read more
जिनसे मिलना नहीं होता
वो अक्सर ख़ास होता हैं
जिनसे बात नहीं होती
वो अक्सर हर बातों मे होता हैं
जिनसे मुलाकात नहीं हुई
वो अक्सर यादों मे होता है
जिसके नाम के साथ नाम न जुड़ हो
अक्सर उसके अक्षर के साथ अक्षर जुड़ जाता हैं-
मन का लिखना चाहा तो शब्द नहीं मिले,
सच लिखा तो मेरे अपने ही रूठ कर बैठे हैं-
बिन मिले फिर वह मुलाकात चाहती हुं
कुछ देर तक आँखों से निहारना चाहती हुं
कहीं दूर फिर वो मुलाकात चाहती हुं
तोहफे बहुत हैं बस तुम्हारा थोड़ा वक़्त चाहती हुं
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स्त्री की कहानी इतनी हैं,
आँखों में पानी हैं,
चेहरे पर नादानी हैं,
लबों पर चुप्पी हैं,
दिल में तूफ़ानी हैं,
जिसने जितनी जानी हैं,
उतनी ही कहानी हैं!-
जोड़ना घटाना मत लाओ
रिश्ते को दिल से निभाओ
याद किया अगर गणित को
तो शून्य हाथ मत लाओ-
अपनो की तलास में कहीं दूर निकल गए,
कहीं घूम हो गए, कुछ सपने चूर हो गए,
कहीं खो गए, किसी के बिन बोले हो गए,
जब जरूरत पड़ी तो फिर अपने हो गए-
चलो आज फिर बच्चे बन लो
पापा के कंधे और मां की गोद याद कर लो
गुड़ियों का खेल वो मनमानी कर लो
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जहां सारी थकान मां की मुस्कान से दूर हो जाती है
वो घर बहुत याद आता है-