जिंदगी चाहे कितनी भी बुरी क्यों न हो,
जब कोई अपना साथ दे तो अच्छा लगता है।-
मुझमें कैद है जाने कितनी आजादियाँ,
आजादियों में भी कितना कैद हूं मैं।-
कोशिश तो रोज़ करते हैं कि वक्त से समझौता कर लें,
कमबख्त दिल के कोने में छिपी उम्मीद मानती ही नहीं...।-
मुमकिन तो नहीं आप जैसा चाहो
वैसा ही हो ज़िन्दगी में,
कुछ अनचाहे लम्हें ज़िन्दगी जीने का
तजुर्बा सिखाते हैं।-
खुशी जाहिर करूं या ताज्जुब करूं इस बात पर ,
कपड़ो के रंग और बनावट से धर्म/मजहब की हिफाज़त होने लगी।-
बेशक़ परेशां हैं तेरी उलझनों से ऐ जिंदगी,
पर इतना तो यकीन है कि ये दिन भी गुजर जायेंगे।-
आरजू क्यूँ करूँ...
कि तुम मुझे चाहोगे उम्र भर..
इतना ऐतबार ही काफी है कि मुझे भूल नहीं पाओगे उम्र भर...💕-
अब तुम कुछ दिन बाद भी आओगी तो चलेगा,
क्योंकि आ रहा मिर्ज़ापुर अब तो सिर्फ वही चलेगा...-
मशरूफ होने की वजह भी नहीं मिलती शाहब,
इश्क़ की जंग से बचना इतना आसान नहीं होता।-
अज़ीब तकाज़े हैं चाहतों के,
बड़ी कठिन ये मसाफ़तें हैं।
मैं जिसकी राहों में बिछ गया हूं
उसी को मुझसे शिकायतें हैं।-