सुना है काफ़ी पढ़े लिखे हो तुम,
सुना है काफ़ी पढ़े लिखे हो तुम,
कभी वो भी पढ़ लिया करो
जो कह नहीं पाते हम।— % &-
समाज तेरी वही पुरानी फ़िदरत!
गूंगे बहरे की तरह तमाशा देखना,
ओर फिर मज़े लेकर चले जाना!-
तुम्हें पाकर मुझे पूरा जहाँ तो नहीं मिला!
मगर
मुझे इस जहाँ मे तुम्हारे सिवा कुछ भी ना मिले
तो भी बोहत है !-
इस उम्मीद से मत फिसलों
कि तुम्हें कोई उठा लेगा,
सोच कर मत डुबो दरिया में
कि तुम्हें कोई बचा लेगा,
ये दुनिया तो एक अड्डा है
तमाशबीनों का दोस्तों
गर देखा तुम्हें मुसीबत में तो
यहाँ हर कोई मजा लेगा !-
Anyone who doesn't
let you express yourself
is poison to your creativity,
poison to your well being,
and poison to your peace
of mind.-
एक झलक देखके जिस शक्श की चाहत हो जाए,
उसे परदे में भी पहचान लिया जाता है!
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माना की तुझसे रूठा हूँ,
अंदर से बिखर कर टूटा हूँ,
उड़ने की बात मत कर ऐ ज़िन्दगी,
अभी गिरकर चलना सीखा हूँ!-
कभी सम्भले तो कभी बिखर गए हम,
अब तो खुद मे ही सिमट गए हम,
यूँ तो ज़माना खरीद नहीं सकता हमें,
पर प्यार के दो लफ़्ज़ों से बिक गए हम !-
ना हिन्दू हूँ,
ना मुसलमान हूँ,
फ़क़र है ख़ुद पर
मैं हिंदुस्तान हूँ !-