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*सर्वशक्तिमान परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि आपको सुबह की पहली किरण से शुरु होने वाले अंग्रेजी नववर्ष 2022 में सुख, समृद्धि, शांति, शक्ति, सम्पति, ऐश्वर्य, यश, स्वरुप, शालीनता, संयम, सादगी, सफलता, साधना, संस्कार और बहुत अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करें। इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ आपको और आपके समस्त परिजनों को मेरी व मेरे परिवार की तरफ से अंग्रेजी नववर्ष 2022 की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ । 🌞🌻💐🌺🌹*
*सादर*
*दीपक कुमार त्यागी*
*स्वतंत्र पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक*
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स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार,
ट्विटर हैंडल :- @deepakgzb9
इंस्टाग्... read more
विदा हो रही है जख्म देने वाली साल,
आ रहा है धूमधाम मचाने नूतन वर्ष यार,
ठाना है रुख बदल देगें हवाओं का हम,
एकजुट होकर मैदान में आयेगें जब हम,
मेहनत के बलबूते बदल देगें दुनिया सारी,
खत्म कर देंगे दुनिया से नकारात्मकता सारी,
भरोसा है हमको मेहनत पर अपनी यारों,
हौसले के बलबूते हम लोग आने वाले,
नववर्ष 2022 में भर देगें खुशियों से दुनिया सारी,
ईश्वर से दुआ है वो खत्म कर दे दुनिया से,
नकारात्मकता नफरत व जहालत सारी,
बस खुशहालियों से भर दे दुनिया को सारी।
आप सभी को अंग्रेजी नूतन वर्ष की बहुत-बहुत हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
ट्विटर हैंडल :- @deepakgzb9
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ऐसी भी क्या ज़िद है जो किसी अपने का दिल तोड़ दे,
बेवजह की दूरियां पैदा करके जो अपनों से मूँह मोड़ दे।।
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार
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ये चश्मा उतार कर देखो जरा दुनिया का दर्द नज़र आयेगा,
देख दर्द दुनिया का अपना दुखदर्द बहुत छोटा नज़र आयेगा,
हौसले से हिम्मतवाला मुश्किल हालात से लड़ता नज़र आयेगा,
छोड़ फल ईश्वर पर कर्म करता जायेगा और एकदिन सफलता अवश्य पायेगा।।
✍️✍️दीपक कुमार त्यागी✍️✍️
ट्विटर हैंडल :- @deepakgzb9
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जब से उसने हमें देखा मुस्कुरा कर प्यार से ऐ ज़िंदगी,
इश्क़ प्यार मोहब्बत की भाषा हमको समझ आने लगी,
क्या बताएं ज़िंदगी इश्क़ की अब तो दीवानगी छाने लगी,
देखता हूँ जिधर भी नज़र घुमाकर ज़िंदगी तू ही हमें हर तरफ नज़र आने लगी।।
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार
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वजह ज़रूरी नहीं है ज़िंदगी में मुस्कराने की ऐ दोस्त,
मुस्कराने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है दोस्त,
ज़िंदगी के पथ की जटिल से जटिल गंभीर समस्याओं का,
चहरे पर रहने वाली मुस्कान से पल में निदान होता है दोस्त।।
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार
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वजह ज़रूरी नहीं है ज़िंदगी में मुस्कराने की ऐ दोस्त,
मुस्कराने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है दोस्त,
ज़िंदगी के पथ की जटिल से जटिल गंभीर समस्याओं का,
चहरे पर रहने वाली मुस्कान से पल में निदान होता है दोस्त।।
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार
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ऐ ज़िंदगी तू बारबार नाराज़ क्यों हो जाती है हमसे इतनी,
ध्यान रख ज़िंदगी हमें भी आदत है मुस्कुराते हुए ग़म सहने की ।।
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार
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खामोश बैठकर महफ़िल में वो यूं तमाशा देख रहे थे,
भरी महफ़िल में निकलता हमारा जनाज़ा देख रहे थे,
रो रहा था आँसुओं से उस दिन आसमान भी यह देखकर,
महफ़िल की आड़ा में यूं बनता हमारा तमाशा देखकर,
बोलने की हिम्मत जुटा रहा था कोई महफ़िल में हमारे लिए,
बेगाना था वो पर अपनों की जगह जान लुटा रहा था हमारे लिए ।।
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार
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जिन्दगीं में हमेशा सच्चे हमदर्द का साथ ही काफी है,
जीवन पथ पर सफलता को अपनों का आशिर्वाद ही काफी है,
अपने दूर हो या पास हो फर्क नहीं पड़ता हमें जिन्दगी,
बस जिन्दगी में हर वक्त अपनेपन का सच्चा एहसास ही काफी है ।।
दीपक कुमार त्यागी / हस्तक्षेप
स्वतंत्र पत्रकार, स्तंभकार व रचनाकार
ट्विटर हैंडल :- @deepakgzb9
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