मिले तु कभी खुदा से अगर,
तो मेरा पता पूछना उसे।
क्या लिखा है मेरी किस्मत में उसने,
ज़रा पूछना उसे।
यूं तो खुश हूँ मेरी जिंदगी से,
लेकिन फिर भी मौत कब हैं मेरी,
ज़रा पूछना उसे।
वैसे तो मार ही दिया है मुझे जिंदा उसने,
लेकिन कफ़न कब पेहनाएगा,
ज़रा पूछना उसे।।-
सुना है दिन और रात कभी एक साथ नहीं होते,
लेकिन दिल कहता है उसके एक होने से ही शाम होती है,
और उस शाम के हरपल को हम तुम्हारे साथ महसूस करते हैं,
बस यही है तेरे ना होते हुए भी तेरे होने का एहसास।।-
मेहफूज़ रहना तु हमेंशा ए मेरे मेहरम,
सुनो, मेहफूज़ रहना तु हमेंशा ए मेरे मेहरम,
के तेरी इबादत से मैं मेहफूज़ रहती हूं....!!!-
इबादत के वक्त दुआ करती हूँ रब से,
तुझे वो भी इशरत मिल जाए
जो उसने हमारी तक़दीर में लिखी है...-
मिले अगर कोई सफ़ीर
तो हमारे घर का पता बता देना,
ऐक चिठ्ठी पहुंचानी है मेरे नाजनीन को,
जो लिखी है उसकी मेहरम ने...-
इंतजार करुंगी मीरा जैसा,
गोपीओ जैसे तरसुंगी,
तो क्या हुआ अगर रुकमणी ना बन पाई,
राधा जैसा नि:श्वार्थ प्रेम हमेशा करुंगी |-
साथ रहना तुम हरपल मेरे बस इतनी है मेरी तृष्णा,
बनु मैं तेरी मोर पंख और बन जा तु मेरा कृष्णा...-
पता नहीं ये क्या जादू किया तेरे इश्क़ ने,
जो थे कभी कॉफी के दिवाने वो आज चाय पी रहे हैं...-
डर है कहीं आँखों से दर्द ना पहचान लो,
शायद इसलिए यूं नज़रे चुराकर बैठे हैं...🤗-
સમયની રેત પર યાદોનાં પગલાં પડ્યાં છે,
ના તો એ રેત સુકાય છે,
ના એ પગલાં ભૂંસાય છે.-