किसी को प्यार मिला, तो किसी को रूसवाई, किसी को महबूब मिला, तो किसी को तन्हाई, कोई इकरार कर पाया, तो किसी का इंकार लाज़मी था,
किसी की हर सहर में उसका जिक्र था, तो किसी कि रातों में नूर नहीं था, कोई मशरूफ उसके ख्यालों में,
तो किसी कि राहों पे पहरा था, कोई देस्तियाब उसकी हसरत के लिए, तो किसी को मलाल उसका ना होने का,
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