Harshu   (TheHarshNamdev)
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Joined 10 May 2018


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21 JAN 2022 AT 23:07

चुनाव के पहले और बाद यहां तो बड़े नेता को
छोटे और युवा नेता से ही कोई मतलब नहीं होता साहब…





खैर चुनाव के समय तो
विपक्षी पार्टी के किसी दलबदलू नेता को भी इन्हें
अपना बाप/बेटा जैसा बनाना और बताना पड़ता हैं।

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20 JAN 2022 AT 22:27

लड़की को 14 सेकेंड घूरने पर भी,
लड़को यहां एक रपट लिख जानी है,
समाज की नजरों में हम कहने को लड़के हैं,
लेकिन अपराधी होना हमारी मुख्य पहचानी हैं।

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9 JAN 2022 AT 16:11

“कौड़ी के भाव बिके दूसरे के पास जाकर वो सब,
जिनको हमने कीमती बनाया था अपने लिए।”

🥺🥺

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6 JAN 2022 AT 18:01

ज्यादा पढ़ा लिखा इंसान,
अनपढ़ से भी ज्यादा मूर्ख हैं
अनपढ़ सुनी हुई बात पर यकीन कर लेगा,
लेकिन पढ़ा लिखा इंसान उस बात को पुस्तकों में ढूढ़ेगा,
जबकि वो अच्छी तरह से जानता हैं कि
पुस्तकों में लिखी बातों और तत्कालीन बातों में
जमीन आसमान का अंतर होता हैं।

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4 JAN 2022 AT 18:00

“कि ये Single लोगों के सामने
यूं न सरेआम मोहब्बत की बात कीजिए,
दुःख समझिए इनका थोड़ा,
संग बैठकर इनके चाय पीजिए।”
#HappyWINTERDay

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31 DEC 2021 AT 12:34

“हां…डरता हूं, लड़ता हूं, मैं उन राजनेता और लोगों से,
जो ख़ुद को गांधी का भक्त और उसका चेला बताते हैं,
जान गंवा दी जिसके लिए कई अनगिनत वीरों ने अपनी,
ये गांधीवादी कहीं फिर से उस भारत का टुकड़ा न करवा दे।”
#GandhiNotFatherOfNation

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30 DEC 2021 AT 23:03

“ ये चांद जैसा मुखड़ा, चांदनी रात और न जाने क्या-क्या,
श्रृंगार रस का वर्णन अब और ज्यादा नहीं इस जमाने में,
शरीर से प्रेम करने वाले प्रेमी को चाहिए अब केवल शरीर,
प्रेम का नाम दे जिसको हथियाया जाता है इस जमाने में।”

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30 DEC 2021 AT 23:02

“प्रेम में पहले मिलन होता है आत्मा का, फिर मिलते हैं शरीर,
मोहब्बत में पहले शरीर आजमाए जाते हैं, आत्मा मिले या न मिले, वो बाद की बात हैं।”

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29 DEC 2021 AT 17:44

“ अच्छा दिखने और अच्छा देखने में जमीन-आसमां का अंतर हैं। ”

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29 DEC 2021 AT 13:08

“किसी नुक्ते जैसा हूं मैं साहब
दरअसल आजकल लोगों के बीच,
दिखने में कोई ख़ास तो नहीं,
लेकिन हूं अर्थ बदलने में माहिर।”
#HarshWords

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