साल का आखरी पैगाम....जब भी तुम्हें लगे कि सबने साथ छोड़ दिया है तुम्हाराएक बार पीछे मुड़ कर ज़रूर देखनालाख़ दूरियों के बावजूद तुम मुझे अपने साथ ही पाओगे। -
साल का आखरी पैगाम....जब भी तुम्हें लगे कि सबने साथ छोड़ दिया है तुम्हाराएक बार पीछे मुड़ कर ज़रूर देखनालाख़ दूरियों के बावजूद तुम मुझे अपने साथ ही पाओगे।
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तुम्हें खोने के बाद समझ आयाकितने ज़रूरी थे तुम मेरे लिए। -
तुम्हें खोने के बाद समझ आयाकितने ज़रूरी थे तुम मेरे लिए।
तुम्हें तोड़ तुम्हारी उम्मीदों को तोड़ फिर अपनी ही नज़रों में गिर जाना उतना पीड़ादाई नहीं रहाजितना जीते जी तुम्हारी नज़रों में मेरा मर जान। -
तुम्हें तोड़ तुम्हारी उम्मीदों को तोड़ फिर अपनी ही नज़रों में गिर जाना उतना पीड़ादाई नहीं रहाजितना जीते जी तुम्हारी नज़रों में मेरा मर जान।
अक्सर अपने पलकों पर बिठा कर रखने वालेकब आपको अपने जूते की नोंक पर ले आएंआपको पता भी नहीं चलेगा। -
अक्सर अपने पलकों पर बिठा कर रखने वालेकब आपको अपने जूते की नोंक पर ले आएंआपको पता भी नहीं चलेगा।
तुम्हें ज़िंदगी भर के लिए अपने पास रख पाना मुमकिन नहीं थाइसलिए अपनी यादों में जिन्दगी भर के लिए तुम्हें अपना बना लिया। -
तुम्हें ज़िंदगी भर के लिए अपने पास रख पाना मुमकिन नहीं थाइसलिए अपनी यादों में जिन्दगी भर के लिए तुम्हें अपना बना लिया।
तुम्हें गए अर्से बीत गए इन आंखों को आज़ भीरिहाई नहीं मिली तुम्हारी यादों से। -
तुम्हें गए अर्से बीत गए इन आंखों को आज़ भीरिहाई नहीं मिली तुम्हारी यादों से।
बिछड़ते वक्त उसने कहा कभी मिलना चाहूं तुमसेतो क्या तुम मिलोगी, ये जानते हुए की जाने के बाद कोई भी वापस नहीं आता दिल ने फिर भी हां कह दिया निगाहें आज़ भी उसका रास्ता तकती हैं। -
बिछड़ते वक्त उसने कहा कभी मिलना चाहूं तुमसेतो क्या तुम मिलोगी, ये जानते हुए की जाने के बाद कोई भी वापस नहीं आता दिल ने फिर भी हां कह दिया निगाहें आज़ भी उसका रास्ता तकती हैं।
दोस्ती हो या प्यार लगाव के बाद अलगाव की पीड़ा सहन नही होती है। -
दोस्ती हो या प्यार लगाव के बाद अलगाव की पीड़ा सहन नही होती है।
आज़ की उसकी बेरुखी को देखकरकैसे मान लूं की उसकी दोस्ती सच्ची नहीं थीकैसे भूल जाऊं एक समय पर उसका बेवजह मेरी परवाह करना । -
आज़ की उसकी बेरुखी को देखकरकैसे मान लूं की उसकी दोस्ती सच्ची नहीं थीकैसे भूल जाऊं एक समय पर उसका बेवजह मेरी परवाह करना ।
दोस्ती से नफ़रत हो गईपर जिनसे दोस्ती हुई उनसे आजतक नफ़रत नहीं हो पाई। -
दोस्ती से नफ़रत हो गईपर जिनसे दोस्ती हुई उनसे आजतक नफ़रत नहीं हो पाई।