ज़िंदगी सबसे बड़ी खिलाड़ी निकली
हर बार उम्मीद से परे खेल जाती हैं।— % &-
मैनें सिख लिया है लहरों के विपरित बहना
नदी हों या सागर सबसे डट कर लड़ना
वजूद तलाशनें... read more
भारत माता के वीर पुत्र
शौर्य साहस बलिदान युक्त
हर हालात से लड़ने वाले हैं
दुश्मन को दुश्मन के घर में मारनें वाले हैं
हो कोई भी तुफान खड़ा कभीं न डरने वालें हैं
जीत की ज़िद लिए अंत तक मैंदान में डटने वाले हैं
लेह की बर्फबारी में जमकर राजस्थान के
मरूस्थल में तपकर भी देश का मान बचाते हैं
जहाँ राह नही वहाँ भी पहुंच जातें हैं
खुद को खोकर भी देश -प्रेम का धर्म निभातें हैं
दिन हो या रात हर मौंसम हर हालात में
कुर्बान होते है सरहद पर अपनी सरज़मीं के लिए !
🇮🇳
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कद्र करों आज़ादी की ये देश यूं ही नहीं आज़ाद हुआ
इस आजादी के लिए कितनी माँओं का लाल कुर्बान हुआ
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Those who stay at home for fear of a few showers of rain.
Don't collide with us we are among those who play with the waves.
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मेरी ज़िन्दगी को तूने ऐसे रौंशन किया है !
जैंसे चिरागों ने शाम को रौंशन किया हो !
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बारिश की चंद फूहारों के डर से घर पर रहनें वाले !
मत टकराओं हमसें हम लहरों से खेलने वाले हैं !
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जब ज़िंन्दगी का इशारा मिला!
एक रिश्ता अलग सा न्यारा मिला!
मुझे तुझमें मेरा सहारा मिला!
मुझे दोस्त तुझसा प्यारा मिला!
तू कहती हैं मुझे मेरी ज़िन्दगी में तू कहाँ
से आ गई कैसे मुझे कोई तुझसा मिला!
मैं कहती हूँ तुझे सुन तेरे रुप में मुझे
मेरी ज़िंदगी का एक अनमोल हिस्सा मिला !-
शिकायतें थी कभी उसे अब नहीं है
संजीदा नही थी अब हो रही है
जिन्दगी की तरह अब वो भी सबसे कहती है
किसी से ज्यादा उम्मीद मत करों
तुम खुद को देखों खुद का ख्याल करो
वक्त एक सा नही रहता तो सोचतें क्यूँ हो इन्सान एक सा रहे
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ना समझ है वो आधा अधूरा सा काम करती है
मुझे चाहती नही बस जमाने भर में बदनाम करती है
इश्क हो या अदावत जो भी हो उससे वो बेहिसाब करती है
हिसाब बराबर कर लेती है बस कभी किसी को वो न बर्बाद करती है
जख्म हो या मरहम किसी का भी वो न लिहाज करती है
मुझे मारती नही लेकिन दवा देनें से इंकार करती है
करती है सबकी बगिया गुलजार मेरी जिन्दगी में स्याह रात करती है
अपनी धुन मे फिरती रहती अक्सर वो नादानियां भी बेतहास करती है
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