Harshita Kulshrestha   (✍)
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Yu to likhne ka shok nahi tha hme kisi ke diy dard ne shayar bna dia✍💔
Joined 2 July 2020


Yu to likhne ka shok nahi tha hme kisi ke diy dard ne shayar bna dia✍💔
Joined 2 July 2020
5 MAR AT 23:47

बेशक़ उसे‌ खबर थी मेरे मिज़ाज की
खफ़ा नहीं थी मैं उससे.. बस! खुद‌से‌ नराज़ थी

टाला जिसने अरसे तलक मेरी खुदकुशी को
कोई दवा नहीं‌ यारो... मदहोश शराब थी !❤!

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25 FEB AT 21:45

इक़ दिल है जो सुकूँ चाहता है
इक़ तुम हो जो मिलते ही नहीं

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5 NOV 2023 AT 20:02

सील कर मेरे लबों से लब... वो कहते हैं...
अब शिकायत करों मुझसे ❤

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30 OCT 2023 AT 22:08

सुनो... मेरी जिंदगी के अधिकांश पलों में सबसे खूबसूरत रहा तुम्हारा मिलना! तुमसे मिलने पर मैंने जाना माँ की गोद का सुकून और बाबा की आखों का बेबाक भरोसा.. मिल सकता हैं कहीं और भी.... किसी के फकत़ गले लगाकर माथा चूमने पर मिट सकती है तमाम शिकन्दे... फिका पड़ सकता हैं चांद... और सिमट सकती हैं‌‌ किसी इक‌ मुस्कान में मेरी दुनिया। तुममें पाया मैंने इक चंचल शिशु जिसने बचाऐं रक्खा मेरा बचपना... और इक परिपक्व वयक्तित्व जिसने सदैव चाहा मेरा हित.... ! सुनो! तुम मेरे साथी हो... और सारथी‌ भी‌... तुमसे बिछड़ना उस‌ भयावह मंजर की तरह हैं जिसमें मात्र शुन्य रह जाएगा हमारा बसाया संसार।

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13 AUG 2023 AT 22:31

दर्द मिले कभी तो दवा कीजिये,
रोज हो गर सितम फिर क्या कीजिये..‌
हाल सुना जो मेरा दवा की शीशी बढ़ा दी,
हमनें भी कह दिया गले लगाकर , ‌दर्द रीहा कीजिये!

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11 AUG 2023 AT 23:12

Unhone rukhsat to kia mujhse magar..
Unki unglia meri hatheli ko riha n kr ski.. 🫶❤️‍🔥

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7 AUG 2023 AT 9:45

सुनो ए समाज‌ को संभालने वालो
बहुत हुई‌ बंदिशे लड़कियों पर..
अब लडको के पैर में तुम‌ बेड़ियाँ डालों

सुना है! उसके उभारो पर उसका जी ललचाता है,
आदमी नहीं है वो उसके आगे अब तुम बोटी डालो...

सुना है! वो घर से रात निकल नहीं सकती,
अब लड़को को तुम‌ लक्षमण रेखा का पाठ पढ़ा‌ दो...

सुना है! नशे में वो‌ उसे रोज पीटता है
लड़की से कहो तुम... अब हाथ उठा दो

जो लड़की के सम्मान की रक्षा न‌ कर सकें
ऐसे समाज को‌ तुम आग लगा दो।

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19 JUL 2023 AT 22:30

उस रोज जो हुआ
कोई अपराध नहीं था
वो शाम हंसी थी कमबख्त़
हमें कुछ याद नहीं था,
तेरी उंगलियाँ मेरी कलाई पर
जो हथकड़ी बनी...
इससे पहले यूँ कैद करने का
कोई रिवाज़ नहीं था,
तेरे लबों से मेरे लबों पर
कुछ लव्ज़ जो फिसले,
बरसों तलक ज़हन में रहा
वो एहसास वहीं था

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18 JUL 2023 AT 9:16

अब मुझे भी सीखना हैं ये हुनर अय्याशी का,
सुना है! दिल्लगी में दिल टूटा नहीं करते ❤

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17 JUL 2023 AT 22:50

इक रोज़ जो‌‌ कहा मैंने,
उचक कर
चांद को छूना है....
उस रोज मेरा महबूब,
सफेद कमीज़ में मिला मुझसे❤

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