सुनो!
इंतज़ार की वेदना लिखूं
की तुमसे मिलने की
खुशी की झंकार,
तुम ही बता दो ना
कैसे लिखूं
कम शब्दों में बहुत सारा प्यार।।
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From Lucknow..❣️Nawabon ka shehar..
।।प्यार का सफरनामा।।
राबता 🙂तेरा मेरा🍂
किस... read more
सुनो!
तुमसे किया गया
मानसिक संवाद
मेरा तुम्हारे प्रति
प्रेम
और
इंतज़ार
का प्रतीक है।।-
सुनो!!
मैंने अपनी डायरी के पन्नों में ख्वाब सजाए हैं,
उन ख्वाबों को हकीकत बनाओगे क्या?
मैंने चूड़ियां लेकर रखी हैं,
उन चूड़ियों को मेरे हाथों में पहनाओगे क्या?
मेरी लिखी कविताएं तुम्हारे बिना अधूरी हैं,
उन कविताओं को पूरा करोगे क्या?
मैंने कुछ सपने अधूरे छोड़ दिए हैं,
उन सपनों को पूरा करोगे क्या?
मैंने राह देखी है तुम्हारी,
मेरे इंतज़ार खत्म होने की वजह बनोगे क्या?
श्रृंगार किया है मगर कुछ अधूरा सा है,
मेरी मांग में सिंदूर भर के मुझे पूर्ण करोगे क्या?
सुनो!
जरा जल्दी आओगे क्या?
जरा जल्दी आओगे क्या?-
सुनो!
प्यार तुम
साथ तुम
कहानी तुम
कविता तुम
ख्वाब तुम
हकीकत तुम
मेरे हाथों की लकीरों में तुम
मेरी पायल की छन छन में तुम
मेरी मेहंदी के लाल रंग में तुम
मेरी हिम्मत तुम
मेरी हंसी तुम
मेरी राह तुम
मेरी मंजिल तुम
मेरे प्यारे से प्यार तुम
मेरे इंतजार के हर पल में तुम।।-
तुम्हारा एक ख्याल जैसे
सर्दी में धूप हो जैसे
तुम्हारा एक खयाल जैसे
बगिया में फूल खिले हों जैसे
तुम्हारा एक खयाल जैसे
छाई हो बसंत बहार जैसे
तुम्हारा एक खयाल जैसे
वन में नाचे मोर जैसे
तुम्हारा एक खयाल जैसे
बिखरी हो चांदनी जैसे
तुम्हारा एक खयाल जैसे
मेरी आंखों का काजल हो जैसे।।-
किसी को जवाब देने का मतलब नहीं बनता,
क्योंकि मेरे सब्र की
खबर है मेरे
राधा रमण जी को।।-
मैं अपना पसंदीदा काम करना चाहती हूं,
मैं जिंदगी भर बस तुम्हें निहारना चाहती हूं।।-
सुनो!!
इंतज़ार बस तुम्हारा किया है,
हां!
मैंने तुमसे प्यार किया है।।-