Insta@dawarharshita
मैंने खुद को कैद किया हैं
पुरानी यादों में हर बार जीया हैं,
कोई कैसे समझेगा किसी का बचपन
क्या क्या बचपन से ही सहन किया हैं,
आगे पढ़े......❤️-
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आसान है दोस्त कहना,
मुश्किल है दोस्त होना,
आसान है जिंदगी कहना,
मुश्किल है जिंदगी जीना,
आसान है रिश्ता बनाना,
मुश्किल हैं रिश्ता निभाना,-
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बोतल का नशा भी क्या नशा हैं जिंदगी तबाह कर देता हैं, करना है तो भक्ति का नशा करके तो देख जो सुरूर चढ़ता हैं जिंदगी बदल देता हैं जज़्बात ए हर्षिता-
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मोहब्बत में वाजिब दाम में बिकी ,
मोहब्बत जो सात फेरो के नाम का
देकर भी नाम तेरा था,
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ठीक तुम्हारे पीछे...
ठीक तुम्हारे पीछे हर बार चली थी,
कभी पीछे कभी कदम भी मिलती थी,
हर बार कुछ न कुछ कहना चाहती थी,
पर सुन कर कई बार अपने अंदर ही बातें कर लेती थी,
ठीक तुम्हारे पीछे ..
ठीक तुम्हारे पीछे छोड़ गई कई गहराई समझ की, ना समझ बन फिर चल देती बराबरी समझ कर ठीक तुम्हारे पीछे,
मेरे मन की शांति बरकरार रखने के लिए चुप्पी साध कर चलती रही आधी जिंदगी बीत गई ठीक तुम्हारे पीछे,
थी से हूं का सफ़र अब तय जो किया अब ठीक तुम्हारे पीछे से हट कर शपथ जो
ली थी खुद से, पीछे छूटे सालों का हिसाब कब भूल गई थी ठीक तुम्हारे पीछे,
पूछें स्वालो का जवाब बन गई, दुनियां खुद की ख़ुद स्लैब करके मैं को खोती रही ठीक तुम्हारे पीछे,
जीवनसंगिनी का मतलब जीवन साथी का मतलब पूछती रही ठीक तुम्हारे पीछे,
ना साथ रहा ना संगी वो कहना कुछ,
हम सहते ख़ुद,सुख का साथ कहा मिला?,
अनेक लोगो के साथ चलते निभाते,
आंखों में अश्रु छुपाते ठीक तुम्हारे पीछे,
अंदर तक घुस गया था तीर शब्दो का खिताब नहीं चाहा था सिर्फ ठीक तुम्हारे पीछे,
थी धन्य उस रब की जो दिखा दिया सही वक्त पर वक्त अब सिर्फ़ हमारे साथ ।।।।
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ठीक तुम्हारे पीछे...
ठीक तुम्हारे पीछे हर बार चली थी,
कभी पीछे कभी कदम भी मिलती थी,
हर बार कुछ न कुछ कहना चाहती थी,
पर सुन कर कई बार अपने अंदर ही बातें कर लेती थी,
ठीक तुम्हारे पीछे ..
ठीक तुम्हारे पीछे छोड़ गई कई गहराई समझ की, ना समझ बन फिर चल देती बराबरी समझ कर ठीक तुम्हारे पीछे,
मेरे मन की शांति बरकरार रखने के लिए चुप्पी साध कर चलती रही आधी जिंदगी बीत गई ठीक तुम्हारे पीछे,
थी से हूं का सफ़र अब तय जो किया अब ठीक तुम्हारे पीछे से हट कर शपथ जो
ली थी खुद से, पीछे छूटे सालों का हिसाब कब भूल गई थी ठीक तुम्हारे पीछे,
पूछें स्वालो का जवाब बन गई, दुनियां खुद की ख़ुद स्लैब करके मैं को खोती रही ठीक तुम्हारे पीछे,
जीवनसंगिनी का मतलब जीवन साथी का मतलब पूछती रही ठीक तुम्हारे पीछे,
ना साथ रहा ना संगी वो कहना कुछ,
हम सहते ख़ुद,सुख का साथ कहा मिला?,
अनेक लोगो के साथ चलते निभाते,
आंखों में अश्रु छुपाते ठीक तुम्हारे पीछे,
अंदर तक घुस गया था तीर शब्दो का खिताब नहीं चाहा था सिर्फ ठीक तुम्हारे पीछे,
थी धन्य उस रब की जो दिखा दिया सही वक्त पर वक्त अब सिर्फ़ हमारे साथ ।।।।
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बेसब्र लोगों की कतारे बिखरी रद्दी हो जैसे,
मिला न सुकून कहीं पर,मिला हाथ उठा कर कैसे, भरी जेब से नीद न मिली,पर ख़ाली हाथ उठाएं मिला मेरे साई के दर परत खुलती हो जैसे, मिन्ने कर मांगे क्या क्या ,वादे याद कर के रोया हो कैसे, सब्र कर बंदे ,सब्र से मिलता हैं, कागज़ी करवाही से ना मिटा गिला हो जो जैसे , रब के दर ही मिलता है, गम को दूर करने का इरादा हो कैसे,-
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हमें देख कर अनदेखा करने वाले,
हमें आंखे भर कर देखाते नहीं हैं,
हमारा देखकर अनदेखा
करना सुहाता नहीं हैं,
मुफ़्त में मुस्कान के पल
गवारा नहीं हैं।-
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तुम्हारी बदली हुई फितरत देखकर चाैकना कैसा?
तुम्हारा दिखावे के तमाशे का वक्त खत्म हुआ।
Jazzbaat e harshita-
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इश्क़ का फलसफा चंद लफ्जो़ की कहानी
जिसको मिल गया उसको कद्र नहीं,
जिसको नहीं मिला उसको सब्र नहीं
कुछ लहज़ा बदल लेते हैं,कुछ बदल जाते हैं,
कुछ फासले कर लेते हैं,
कुछ फैसले कर लेते हैं,
कुछ दरारे कुरेदते रहते हैं,
कुछ दरारे करने देते हैं,
आज के इश्क़ को रियल रिस्क का नाम देते हैं,
कुछ सच्चे होकर परखे गए,
कुछ फेंक होकर मिलते रहे,
कुछ टाइमपास करके चलते बने,
कुछ यूज एंड थ्रो को
इश्क का नाम देते रहे, कुछ अपने पन का दिखावा कर
अपने नाम को जोड़ते रहे, कुछ चूक गए ,
कुछ छूट गए, जहां नीव खोखली होती हैं ,
ऐसी कैसी भी मलबे के नीचे दबी ही नज़र आती हैं,
इसलिए अपनी मर्ज़ी भी करनी हो तो
सोच समझ कर अपनी जिंदगी के फासले ले।
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