Harshita Bansod   (हर्षिता)
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I write what I feel.......💞
I m not a good writer but I m good at expressing myself....❤
Joined 2 August 2018


I write what I feel.......💞
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26 SEP 2021 AT 13:33

Embrace her with a Pride
Her chirpy voice and dazzling eyes will be the reason of your smile

When life gives you a daughter
Take her to the heights
World must be amazed of her one sight

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8 MAR 2020 AT 9:21

वो किसी की माँ तो किसी की संगिनी थी
किसी की घर की रित तो किसी की पृित थी
वो एक दिन की सम्मान की भूखी नही
उसे तो उसकी सलामती की आस थी
वो तो हैवानो में मानवता की तलाश में थी

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24 FEB 2020 AT 14:45

Why always we?
Don't we have rights to live free ?
Everyone to us "look at that girl she wore a short skirt.OMG...! She is a slut".
Believe me dude your mind is in your foot. Judging a girl is not so cool
It's a truth you aren't able anymore to make us fool.
Why always we?
Don't you dare to treat us like this
It's enough now we can't tolerate this shit

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14 FEB 2020 AT 9:04

न जाने कितनी माँ ने अपने लाल खोए थे
कितनी बेटियों के सर से बाप का शाया गया था

उन टूटी चुड़ियों की गुंज से हर रूह कांपी थी
उन उजडे हुए सिंदूर से कितने घर उजडे थे

उस पुलवामा की आग कुछ इस तरह लगी थी जनाब
देश के विर वधृी छोड़ तिरंगा ओढ लौटे थे

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4 FEB 2020 AT 13:43

रुप अलग है भेष कई नियत वही पुरानी है
कभी चिर तो कभी चरित्र की दी गई दुहाई हैं

कभी सबर तो कभी शर्म की कसौटी में वो आई हैं
अग्नि से जनमी यजनसेनी भी हवस के आग में जलती पाई हैं

दोष चिर या चरित्र का नहीं निृलज तेरे सोच में बुराई हैं
रूप अलग है भेष कई नियत वही पुरानी है

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2 JAN 2020 AT 9:33

परवाह ना थी उसे लोगो की
तो वो बेहया कहलाई गई
छोटी सोच की कैद उसे बरदाश ना थी
तो वो बज्जात हो गई
महज सवालो के जवाब देने पर
बत्तमीज बन गई

क्या यह सारी जिल्लत उसके हक में थी?
कुछ ख्वाईशे रखना उसकी गलती थी?

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1 JAN 2020 AT 23:32

इन बेजान पलको पर सपने आज भी बसे हैं

पर भले ही कतर दिए गए हो मगर उड़ने
की कोशिश आज भी कायम हैं

उस थप्पड़ की गुंज इतनी करारी थी
की जख्म आज भी हरे हैं

जिस्म घायल जरूर है मगर रूह आज भी खरी हैं

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30 NOV 2019 AT 7:54

माँ की चिंता रोक टोक लगती थी
शायद उसे पता था इनसान में इनसानियत खत्म हो रही थी
पापा की दी हुई Deadline में खोट दिखती थी
शायद हर ज्योती सिंह / प्रियंका में उन्हें बेटी नजर आती थी
पापा का बाहर ना जाने देना हैरान करता था
मगर शायद उन्हें उन हैवानो की खबर थी
इन्होने तो यजनसेनी को ही आग में जला डाला,
माँ कहती है तु तो फिर भी मेरी बेटी है मैं तुझे खोने से डरती थी

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12 NOV 2019 AT 23:40

I wanna quit coz i can't fly like a kite
I wanna quit coz i forgot to fight
I wanna quit coz my soul is no more a part of these bloody tribe
I wanna quit coz everything is above my height

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12 NOV 2019 AT 19:54

Yeah.. I am fed up of being fake
Yeah..I am fed up of being great
Ohh god..! I juss wanna be stronger to heal all those pain
Ohh god..! I juss wanna be able to cry and love again

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