जब पूरे होने की उम्मीद ही ना हो ।
सपने देखना हि बेवकूफी कहलाती है ,
और पूरे करने की ज़िद बस जबरदसती कहलाती है ।
साथ निभाने के वादे लाखों करते है ;
पर साथ निभाकर दिखाने वाले बस कुछ लोग रहते है ,
उम्मीद रखनी है तो खुद पे रखो ।
यहां अपने तो अपने कहकर ही धोका दे देते है ।
तो दूसरे जिन्हे हम अपना कहते है ,
वो कौन सा साथ ज़िन्दगी भर निभाएंगे हमारे ।-
Love 👉 dance_sketching ❤
Love to... read more
Don't waste your time ....
In waiting ,
For those person ...
Who doesn't care ....
About your ,
feelings and emotions .....
Your values and time ....-
I don't want a partner who is handsome ...
I don't want a partner who is rich ...
I don't want a partner who show's off ...
I just want a partner who will never leave my hand ...
I just want a partner who treats me like his angel ...
I just want a partner who promises his love to be with me for whole life ...
I just want a partner who cares me like my dad ...
I just want a partner who talks with me like i am all his ....
I just a want a partner who listens my soul without speaking me ....
And ,
I just want a partner ...
who respects me and ,
promises to be with me till marriage
and ,
last breathe ...
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शरीफ़ रहूंगी तो बदनाम करेगी दुनिया ...
बदनाम रहूंगी तो झुक कर सलाम ठोकेगी दुनिया ...
हा बिगड़ी शेरनी हूं मै ...
खूंखार भी खतरनाक हूं ...
शिकार करने की आदात है मुझे ...
बिगड़ी हूं ...
बिगड़ी ही रहूंगी ...
गुंडी हूं ...
गुंडी ही रहूंगी ...
-
वतन पर जो फिदा होगा ,
अमर वो नौजवान होगा ।
रहेगी जब तक दुनिया ये ,
अफसाना उता बयां होगा ।
नौजवान जब तक इस देश में है ,
हमारा हिन्दुस्तान ये अमर होगा ।
सारे जहां से अच्छा -
हमारा हिन्दुस्तान होगा , हमारा हिन्दुस्तान होगा ।
७४ स्वतंत्रता दिवस कि शुभामनाएं-
शेरनी खूंखार हूं ...
घायल ताजा ताजा हुई हूं ...
बच के रहना ...
वरना शिकारिन तैयार हूं ...
-हर्षिता आर्या
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हम इंसान भी ना बड़ी अजीब चीज होते है ...
उम्मीद भी उन्हीं से करते है ...
जिन से कोई उम्मीद आ ही ना सके ...
आजकल लोग मतलबी हो गए है ...
जब तक मतलब है तब तक आप है ...
एक बार मतलब खत्म आप कौन हम कौन ...
समाज की लोगो को तो बहुत चिंता रहती है ...
आरे ! क्या बोलेंगे लोग ...
कभी अपने खुशियों के बारे में सोचा ... ?
यहां तो लोगो को यही चिंता रहती है ...
कुछ किया नहीं तो कहीं पूछ नहीं ...
अरे ! यार एक बार खुद से तो पूछ ...
तू खुश है कि नहीं ...
- हर्षिता आर्या
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शाखांओ से टूट जाए वो पत्ते नहीं है हम .....
आंधियों से कहो .....
थोड़ा अपनी औकात में रहे .....
क्यों कि इतने सस्ते नहीं है हम .....
आंधियों में तो कमजोर गिर जाते है .....
अभी तो शुरुआत कि है मैंने अपनी ज़िन्दगी कि .....
इते आसानी से हम चुप हो जाए .....
इते शरीफ़ नहीं है हम .....-
सुख में सौ मिले ... दुख में ना मिले एक ....
बोलने बहुत आए ... समझाने ना आए एक ...
साथ कष्ट में जो रहे ... साथी वही है नेक ...-