जब-जब भी अहसासों की यूँ घोर नीलामी होती है,माँ के आँचल की उस पल..सख्त जरूरत होती है। - हर्षित "नमन"
जब-जब भी अहसासों की यूँ घोर नीलामी होती है,माँ के आँचल की उस पल..सख्त जरूरत होती है।
- हर्षित "नमन"