हर झुका हुआ सर के लिए जेहन में नफ़रत न रखें
कुछ हालतों का कसूर भी बराबर नजर होता है
वर्ना यहां हर गिरा हुआ शक्स गिरा नहीं होता....
-Harshit Kumar Baranwal-
Writer By Heart 💓
Not By Profession 🤓... read more
अब तो नूर भी उनका हमें प्यारा नहीं लगता....
जबसे हमारा होके रहने वाला भी हमारा नहीं लगता।
-HarshitKrBaranwal-
हां सुना है मैंने भी....
इश्क ने भी अब मज़हब बांट दिया!!
खुदको को पाख और दूजे को राख मान लिया.
_HarshitKrBaranwal-
तुम्हारे लिए चांद सितारों को भी तोड़कर ले आऊंगा दिखाए गए सपने
अक्सर चांदनी रात में भी पूरे नहीं होते।
-HarshitKrBaranwal-
इश्क करने वाले को इश्क़ करने का बहाना चाहिए...
डूबते हुए तिनके को एक छोटा सा सहारा चाहिए।
मुश्किलों को भी बड़े प्यार से झेल लूंगा...
बस एक तुम मेरे साथ हो सिर्फ़ एक इशारा चाहिए.
अपने हाल पर सर रखकर रोऊं...
मुझे ऐसा तुम्हारा कांधा चाहिए।
कभी घमंड न हो जाए मुझे किसी बात का इसलिए
थोड़ा आंखें खोल देने वाला तुम्हारा ताना भी चाहिए।
कमज़ोर न पड़ूं बीच मंज़िल की राह में...
ए खुदा मुझे ऐसा इरादा चाहिए ।
और तन्हाई में ना तुम मुझे कहीं छोड़ दोगी
हां मैं डरता हूं...
मुझे तुमसे कभी जुदा न होने का सिर्फ़ एक वादा चाहिए।
_HKB✍️-
ये जो मुस्कान अपने लबों पर तुम्हें दिखाता हूं.....
कुछ अलग ही कहानी दर्शाता हूं।
खुशी के पल से तो रूबरू कराता हूं.....
पर कुछ दर्द भी है जो छुपाता हूं।
समझ न जाओ तुम मेरी आंखों में देखकर.......
इसलिए तुम्हारी आंखों से आंखें नहीं मिलाता हूं।
सोचता हूं अब बता दूं तुम्हें....
कुछ कदम बढ़ाता हूं
लेकिन ये जानकर कहीं तुम मुझे छोड़ दोगी।
बस इसी बात से मैं घबराता हूं।
अपने जज़्बात को थामें तुम्हें हसांता हूं....
और खुद तन्हाई में रोकर वक्त बीतता हूं
वो पूछती तो है कि कोई बात है क्या???
कुछ ख़ास नहीं है!!! छोड़ो फिजूल की बातें कहके,
मैं फ़िर बात को दिल में ही छुपाता हूं।
एक सुनहरे सवेरे के इंतजार में
की सब बताऊंगा कल उसे
मैं यूंही हर आज की शाम को गंवाता हूं।
_HarshitKrBaranwal-
वापस आने का रास्ता तो दिखा देती ए-जिंदगी
सुना है इश्क़ की राह मंज़िल पहुंचने तक बड़ा तड़पाती है।
-HashitKrBaranwal
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कहने वाली बात होती तो जरूर तुमसे केह देता
ये तो महसूस करने वाला मेरा प्यार था।
-HashitKrBaranwal-
माना कि तुमने किसी और को चुना है
अब तुम्हें देखना भी नज़ायज है.....
लेकिन खुदको भला मैं रोकूं कैसे
तुमसे इश्क़ है और अपने दिमाग से जंग
और सुना है इश्क़ और जंग में सब जायज़ है ।
-HashitKrBaranwal-
इश्क-ए-इज़हार से पहले मेरे दिल का बस इतना सा केहना है -
जो बातें कहने पर भी लोग नहीं समझ पाते हैं
वही बातें मेरे हमदम तुम्हें अनकहे समझना है।
-HashitKrBaranwal
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