No matter what u wear,how u look...
What u say....what u think...he just loves u and just wants to hold your hand....may be he is not perfect,but what he feels is perfect.... His love is
Perfect.... And this is beyond perfection-
Everything begins when we... read more
क्या सुन रहा है दिल तेरा ?
सुनहरा दिल मेरा ,
बोले कुछ पल ठहर जा ज़रा
सुनहरा दिल मेरा ,
क्यों बनना चाहें बस तेरी तरह ?-
Yes we are still running!
Maybe you are running for something or you are running from something . But may be you are wrong , don't you think somethings should go along . We are so much into the future that we are not cherishing the moments of the present . Yes you should be chasing your dreams and should be running for them but take a moment and cherish what you have achieved in the present. Instead of looking how much is left ,look how far you have come from the starting point. Somewhere someone's dream is to reach here where you are standing now. At every point of life , you will see someone as your inspiration and someone will see you as thier inspiration. Appreciate these moments before it becomes memories. And if you're running from something or from someone,just stop running. That something will only chase you until you are running. Once you decide that you are gonna face that something,it will stop chasing you .Instead of running ,find someone with whom you can just walk.
Life is not about running for something or running from something, rather it's all about walking with someone and along with somethings to cherish for .-
थोड़ी देर और रुक जाना तुम ,
बस इसी तरह मेरे साथ कुछ गुन गुना तुम ।
थोड़ा और जीना है मुझे इस लम्हे को ,
बस कुछ पल के लिए मेरा पल बन जाना तुम ।
मैं कोशिश करू तो थोड़ा हस जाना तुम ,
अपने पागलपन से फिर सबको हसाना तुम ।
आज़ाद है तू हर पंछी की तरह ,
कभी मुझे भी उड़ाकर ले जाना तुम ।
कुछ बातें और करलू मै तुमसे ,
बस उस ढलते हुए सूरज की तरह थोड़ी देर और रुक जाना तुम ।
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कुछ यादें इस शाम की आज भी वहीं है ,
लोग तो है पर शायद किसी खास की कमी है ।
वो पल आज भी उतने ही खास है ,
पड़े है किसी कोने में , पर वो कोना ही तो दिल के सबसे पास है ।
बातें तो बहुत है उस शाम की ,
पर कुछ बातों का सिर्फ एहसास है और कुछ बस तुम्हारे मेरे पास है , तुम्हारे मेरे पास है ।
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शायद.........
शायद आज भी मुझमें थोड़ा सा तुम हो, या
शायद सिर्फ तुम ही तुम हो ।
शायद आज भी उसका ही इंतेज़ार हैं, या
शायद आज भी वो कहीं मेरे साथ है ।
शायद आज भी मेरा कहीं ज़िक्र हो, या
शायद आज भी उसको मेरी थोड़ी सी फ़िक्र हो ।
हां! आज हम बहुत दूर हैं,
लेकिन शायद हम दोनो ही मजबूर हैं ।
शायद तू कल मुझे कही मिल जाए
और ये शायद, शायद ना रह जाए ।
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जा रहे है हम पर रह जाएगी कुछ यादें,
वो मेस का खाना, फर्स्ट ईयर की टेबल और हर टेबल की कुछ बातें ।
याद हैं वो पहला दिन जब बैठ गए थे केमिस्ट्री लैब में, क्या पता था इतनी सारी यादें ले जायेंगे उस छोटे से बैग में।
कॉलेज ख़तम होते ही मिल जाते थे सारे यार,
होती थी मस्ती और देते थे एक दूसरे को गाली हज़ार।
कितनी बार निकाले गए थे हम मैथ्स क्लास से बाहर,
शायद सर भी समझ गए थे नही सुधरने वाले ये दो चार यार।
याद हैं मुझे आज भी जब तेरे कंधे पर सर रखकर मै था रोया,
आँखे तेरी भी नम थी और, साले पूरी रात तू भी नही था सोया ।
शायद अब ना पाएंगे वो पल,
प्यारा था वो गुज़रा हुआ कल।
जो यादें तुम्हारे साथ हैं,
वो शायद तुमसे भी ज्यादा ख़ास हैं।
जा रहें है हम पर रह जाएगी कुछ यादें,
वो मेस का खाना, फाइनल ईयर की टेबल,
और तुम्हारी मेरी बातें।
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