मम्मी पापा आपकी बेटी ज़िंदगी की जंग फिर हार गई।
कोशिश तो बहुत की सारी मुशिलों को पार कर,
इस जंग को मैं जीत जाऊं,
मगर वो सहन शक्ति भी हार गई।
कायर न समझना मुझको
क्योंकि ये कुर्बानी आसान न थी,
गुस्सा होगे मुझसे मानी
मगर वही लाडली रहूंगी आपकी,
रखना खुदका और पापा का ख्याल
न करना अपना हाल बेहाल,
अब मैं बिल्कुल काबिल नहीं
तो मैं अब किसी काम की नहीं,
न बन पाई आपके मुश्किलों का हल
बस बन गई एक बोझ।
जा रहीं आपके आंगन से विदा होकर
अब कह रही हूं अलविदा आपसे जुदा होकर
डोली न उठ पाई आपके आंगन से तो क्या हुआ
अर्थी उठ जायेगी उसी आंगन से,
बस करना मेरी शांति के लिए दुआ।।
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