Harsha Jain  
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Joined 23 March 2018


Joined 23 March 2018
18 MAY 2022 AT 9:50

तुम सोचते हो कि
छोड़ना आसान है उन सबको,
जो हमारे लिए सब कुछ है,
जिनसे हमारा बजूद है,
जिनका उपकार है ये जिंदगी,
पल-पल टीश होती है इस दिल में,
हर पल रोता है ये मन बिन आंसू के,
सोचा कितनी तकलीफ होती है दिल को,
चुभती है हर बात दिल को पर कह नहीं पाता,
सबके दूर जाने के दुःख को सह नहीं पाता।
बहुत मुश्किल है जीवन में अपनों से लड़ पाना
उससे भी मुश्किल उन्हें हराकर जीत जाना।
✍️हर्षा जैन 'स्नेह'

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4 MAR 2022 AT 19:54

नाराज है मुझसे बहुत, किसी बात पर ऐंठे है,
जिनका मैं अभिमान थी, वो मुझसे रुठकर बैठे है।
नाराजगी है किसी बात से तो आकर जटाएं मुझको,
गलती क्या हुई है मुझसे आकर समझाए मुझको।
गलती न करूंगी कभी, ये वादा तो नहीं कर सकती,
पर अपनी गलती सुधारने की कोशिश तो कर सकती।
जो हर छोटी बड़ी बातें बताकर घण्टों बात करते थे,
अपने जीवन के सभी किस्से हँसकर साझा करते थे।
आज हर बात को अपने अंदर समेटकर बैठे है,
जज़्बात जो अंदर उमड़ रहा उसे रोककर ऐंठे है।
कहते नहीं, सुनते नहीं, जाने किस दुनिया में खो गए,
नाराज़ मुझसे ही है या खुद से भी खफा हो गए।

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13 FEB 2022 AT 23:32

अक्सर मेरे साथ होता है कि जब कभी मन मे उफ़न रहे जज्बातों को कागज पर उकेरना चाहा तब-तब उँगलियों से लुढ़ककर कलम कहीं जा गिरी। मैंने पूछा कलम से ऐसे क्यूँ फिसल जाती है तू मेरे हाथों से।
कलम ने बड़ा सुंदर जवाब दिया-"जब तेरी जुबां से कही बात कोई नहीं समझता फिर कागज पर लिखने का क्या फायदा"
✍️हर्षा_जैन_स्नेह

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4 FEB 2022 AT 21:37

कितनी हिम्मत करके अपने मन का हाल बताया,
सालों से दबाया सीने का अपने मलाल बताया,
न समझा कोई बेबसी न मेरी तकलीफ को,
सामने रखी मेरे अपनी मर्यादा की लकीर को,
जिसमें हर पल मन्द-मन्द पिसती जा रही हूँ,
सबको साथ लेकर चलने में घिसती जा रही हूँ,
सबने अपना पल्ला झड़ाया कोई साथ न आया,
जीवन के इस मुश्किल दौर में खुद को अकेला पाया,
अब तो मेरी हिम्मत भी मेरा साथ छोड़ती जा रही,
#फिर_वही_मुश्किल_है_सामने खड़ी होती जा रही,
✍️हर्षा_जैन_स्नेह

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1 FEB 2022 AT 10:24

Date: 01-Feb-2022
Subject: बच्चे की हँसी

पाक होती है एक बच्चे की शरारती हँसी,
चेहरे से झलक जाती है अंदर की खुशी,
आंखों से वयान करता है वो अपने जज्बात,
उसकी मुस्कान से छलक आता है उसका प्यार,
अपनी गलती पर उसका धीरे से मुस्काना,
आंख मीचकर अपनी जीभ को दांतों से दबाना,
यहां वहाँ देखकर अपनी गलती अपने में छिपाना,
एक लंबी सांस लेकर उसका मन्द मन्द मुस्काना,
उसकी ये नापाक हँसी चेहरे पर मेरे भी हँसी दे गई,
उसकी वो प्यारी सी मुस्कान एक पल की खुशी दे गई।
✍️हर्षा जैन 'स्नेह'

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18 DEC 2021 AT 21:16


अक्सर हम अपने सुझाव या अपने विचार ही दूसरों पर थोपते है कभी उनकी राय लेने या उनके विचार को समझने की कोशिश ही नहीं करते। कभी खुद को सामने वाली की परिस्थितियों में रखकर नहीं देखते, हो सकता है हम जैसा सोच रहे है चीजे उसके विपरीत हो। अक्सर हम एक दूसरे को समझने नहीं समझाने में ही अपना वक़्त जाया कर देते है, अगर हम सामने वाले को सच में अहमियत देते है तो उसे समझने का प्रयास जरूर करें उससे कुछ पल बैठकर बात करें उसके हर भाव को पढ़ने की कोशिश करें हो सकता है हम एक बहुत ही खूबसूरत और बेहतरीन रिश्ता पा सकें।
✍️हर्षा जैन 'स्नेह'

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18 DEC 2021 AT 21:06

होना तो चाहिए था,
अपने पास बिठाकर कुछ ख्वाबों का बीज बोना तो चाहिए था,
दफन किये हर दर्द दिल के अपने खोलकर रोना तो चाहिए था,
अगर समझा होता सच में हमको अपने सुख-दुख का साथी,
तो उस वक़्त तुम्हारी जुबा पर मेरा नाम भी होना तो चाहिए था।
✍️हर्षा जैन 'स्नेह'

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12 DEC 2021 AT 22:28

जो लोग रिश्तों को पैसों से तौलते है,
अंत मे उनके पास केवल पैसे रह जाते है रिश्ते नहीं.....

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21 NOV 2021 AT 22:40

सबकुछ करके देख लिया,
मुँह को अपने सिल दिया,
हर दुःख को घूट घूट पीते गये,
हर गम अपना खुद सहते रहे,
उफ तक न की उस चोट पर,
जिसकी टीश सही महीनों तलक,
बस इस ख्याल से कि सब ठीक हो जाएगा,
जो कोई मुझसे दूर गया पास मेरे आएगा,
बस इसी चाह में सही वक़्त का इंतज़ार किया,
हर पल दिल को अपने खुद से तारतार किया
पर जहां से शुरू की थी कहानी मैंने,
अब फिर से #हम वहीं जा पहुँचे है।
फिर करनी है जद्दोजहद अपनों से,
फिर करनी है गुफ्तगू अपने सपनो से,

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9 NOV 2021 AT 19:27

Those thoughts were not written on the paper which wanted to tell you every moment, some thoughts remain only in the heart which can only be felt. And this mind remains restless until one who understands this feeling is not found.
#Harsha_jain_mittal

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