कोई अलविदा कहकर ज़ेहन में खोह कर गया
Yq,
उम्मीद है यह सिर्फ नया मोड़ है❤️
-
15 JUL 2022 AT 2:05
मनमर्ज़ियों करने को अब नई उम्र दे मौला
इस दफ़ा की तो आजमाइशों में ख़त्म हो गयी-
13 MAY 2021 AT 2:59
मैं अब सफ़र में हर किसी से मुख़ातिब नहीं होता,
कि फ़िरसे लग गया जो दिल पर भी रुक न पाउँगा-
16 APR 2021 AT 4:03
गर होता मुमकिन जज़्बातों को लफ़्ज़ों में ढालना,
तो मेरे पास कहानियों का एक पूरा शहर होता
-
25 NOV 2020 AT 2:32
लिए पत्थर जो हाथ में संभलकर उछालना,
यहाँ सीनों में हैं सैलाब के बादल भरे हुए-
14 SEP 2020 AT 1:40
मेरे चिराग़,
हिमाकतें फ़िज़ाओं में मुसलसल बहतीं रहेंगी,
चराग़ को सीखना ही होगा हर हाल में जलना-
27 MAY 2020 AT 1:15
ये हम कुछ लोग हैं बाशिंदे हैं अंधेरों के
हमें रोशनी की आहट भी सरासर ख़ौफ देती है-