I am...
WOUNDED & LACERATED.
bought to
GROUND & DUSTED.
But !!!
I am not...
DEFEATED
and cannot be
SUBJUGATED...-
जब रोशनी से डर लगा,
तो अंधेरे से राहत मिली !
इन आँखों ने खूब देख लिया,
की अब किसी सच का यकीन नहीं!
सरक गया इन हाथों से सब,
कि थमी ख़ुशियाँ न दिखीं !
खो गया न जाने किस राह पर,
कि राहगीर को नदी का किनारा न दिखा!!!-
SHE was the Kite,
Flying High in the Blue Sky !
HE was the Thread,
Grounded on the Green Earth !
SHE kept HIM Standing,
than being Fallen !
HE held HER tight,
than being Flown away...!!!-
The FRAGRANT BLOOSM
are not always in the GARDENS
ROSES are in THORNS,
LOTUS are in SLUDGE! ! !-
खड़ा अकेला उस उपवन में,
लगा रहा था मेंह की आस!
झूम के आया सावन,
भीज गया सारा उपवन,
पर, नीरस रह गया उस का मन
न गिरा उस पर सावन का रस!!!
गुज़र गए साल कई,
अधूरी रह गई प्यास कोई!
अब, अशक्त हो चला है वो,
देख उपवन की सुंदरता को,
कर लेता है मंजुल मन!!!
अब मिट, मिट्टी में मिल,
कुछ जीवन सार्थ बनाना है!
अब जीवन के उपरांत,
औरों का जीवन बनाना है!!!-
When PLANTED,
BLOOM with GRACE,
GRATIFY the CIRCUMAMBIENT ! ! !-
दोष नहीं इन निगाहों का,
ना ही कोई कसूर था!!!
दोष तो सिर्फ नजरिए का था,
जिसने मंज़र ही बदल दिया!!!-
बीत गए जो दिन कितने,
फिर आज लौटे है!
वो चांद और उसकी चांदनी,
वो शीतल रात सुहावनी!
जब फिर से बैठ हम साथी,
बाते छेड़ी कई पुरानी!
कुछ मैं बोला कुछ वो बोले,
कुछ खट्टी, कुछ मीठी
कह दी बातें दिल की!
बीत गया पल उन
अनगिनत यादों में,
फिर मिलने का वादा कर,
चल दिए साथी रात के!!!-
कल उन ख़ाली घरों में
ताले लगे थे,
आज उन तालों के पीछे
जिंदगी क़ैद है!!!-