मुझे खौफ है यह आफत अब हर दफा होगी,इंसान तो बहुत होंगे पर इंसानियत ना होगी। -
मुझे खौफ है यह आफत अब हर दफा होगी,इंसान तो बहुत होंगे पर इंसानियत ना होगी।
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वो एक मामूली सा पत्थर था “वशिष्ठ”।मुश्किलों ने तराश कर उसे मीनार कर दिया। -
वो एक मामूली सा पत्थर था “वशिष्ठ”।मुश्किलों ने तराश कर उसे मीनार कर दिया।
शंकर अंश मिलो तुमको प्रभु मात उमा बहु लाड़ दुलारो ।मुंडन माल धरो अरि नाशक मूसल पाश को हाथ मे धारो ।नाग की यज्ञोपवीत सजे अरु भूरी जटा हुम को हुमकारो ।भैरव रूप अनूप धरे हरे क्षण में सब कष्ट हमारो । -
शंकर अंश मिलो तुमको प्रभु मात उमा बहु लाड़ दुलारो ।मुंडन माल धरो अरि नाशक मूसल पाश को हाथ मे धारो ।नाग की यज्ञोपवीत सजे अरु भूरी जटा हुम को हुमकारो ।भैरव रूप अनूप धरे हरे क्षण में सब कष्ट हमारो ।
इश्क़ – प्यार – मोहब्बत क्या कहूं उसे.....!वो एक शहर का नहीं हर दिल का राजा हैं.! -
इश्क़ – प्यार – मोहब्बत क्या कहूं उसे.....!वो एक शहर का नहीं हर दिल का राजा हैं.!
मुझे कुबूल करता हैं मेरी हर गलती के साथ....!दोस्त मेरा खुदा बनकर मुझे हरवक्त तराशता हैं..! -
मुझे कुबूल करता हैं मेरी हर गलती के साथ....!दोस्त मेरा खुदा बनकर मुझे हरवक्त तराशता हैं..!
क्या लिखूँ ,लिखने के काबिल नहीं हूं मैं ,वो आफ़ताब हैं,जो तारों को चमक देता हैं...! -
क्या लिखूँ ,लिखने के काबिल नहीं हूं मैं ,वो आफ़ताब हैं,जो तारों को चमक देता हैं...!
हम कुछ नहीं करते बस दुआ करते हैं, हमारी फिक्र हम नहीं करते खुदा करते हैं॥ -
हम कुछ नहीं करते बस दुआ करते हैं, हमारी फिक्र हम नहीं करते खुदा करते हैं॥
मुझे पसंद है इश्क़ किताबों का“ वशिष्ठ ”किताबें दिल नहीं मंजिल देती है।📚📚 -
मुझे पसंद है इश्क़ किताबों का“ वशिष्ठ ”किताबें दिल नहीं मंजिल देती है।📚📚
उलझे धागो को अक्सर तोड़ देते है लोग,उलझे धागों को आखिर सुलझाता कौन है। -
उलझे धागो को अक्सर तोड़ देते है लोग,उलझे धागों को आखिर सुलझाता कौन है।
प्रत्येक कार्य को विवेक (बुद्धिमत्ता) से करने पर ही आनन्द की प्राप्ति होती है। -
प्रत्येक कार्य को विवेक (बुद्धिमत्ता) से करने पर ही आनन्द की प्राप्ति होती है।