harsh surti  
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Joined 4 November 2017


Joined 4 November 2017
12 OCT 2022 AT 8:49

जहां देखु वहां तु नज़र आए
दिल में छिपे तेरी तस्वीर के साये
पास होकर भी तुझसे दुरी बनाए
डर है की कहीं प्यार न हो जाए

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10 DEC 2018 AT 11:35

आज फिर शाम हो गई हैं
तेरे हिस्से की बात खो गई हैं
मुश्किल से धुन्द लाया था जिसे
वो आज फिर ज़िन्दगी से गुमनाम हो गई हैं

आज फिर शाम हो गई हैं
तेरे हिस्से की हंसी रो रही हैं
पुराने घाव को याद करके
आज फिर मलहम लगा रही हैं

पलकें झुकाये बैठ
तेरे हिस्से का प्यार ख़ोज रही हैं
फ़ुरसत से धड़क रहे दिल को
आज फिर तड़पा रही हैं
आज फिर शाम हो गई हैं

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3 MAY 2018 AT 13:04

आंखों पड़े समझ गए उनके दिल की बात

वरना उनके लफ़्ज़ों का तो कुछ और ही कहना था।

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2 MAY 2018 AT 0:03



उलझे हुए धागों सा किस्सा था अपना
सूखे पड़े बगीचे सा रिश्ता था अपना

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14 DEC 2017 AT 13:18

First india struggled for independence
Now indians are struggling for independence

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11 DEC 2017 AT 14:15

Rape,racism,and poverty are
Known side of every city though
We react as they are hidden side of city

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10 DEC 2017 AT 20:36

We got freedom from the britians,
But we are still starving for
our rights in our own country.

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9 DEC 2017 AT 16:51

बंधे हुए ईस रीति रिवाजों से यह देश को कहेना।
कभी सोचा है उनके बारे में जो करते है देश की सेवा।।
करते हो तिरस्कार अपने से दूसरी पंत के इन्सान का।
लेकिन पुछा हे कभी डॉक्टर से उनकी जाति का।।

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9 DEC 2017 AT 11:04

Casting your vote to candidate
Or voting your cast candidate?
Cast your vote, don't vote your caste

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25 NOV 2017 AT 7:51

कुछ करने की चाह में
कुछ बदलने की आह में।
मिल कर बढ़े ऎक छांव में
ओर ले प्रतिज्ञा हम शान से
की करुगा अन्न दान में।।

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